Archive for अक्टूबर 6th, 2008

जागरूकता

प्रथम स्तर वर्तमान वास्तविकता के बारे में जागरूकता - वस्तु विश्व. यानी. हम सभी वस्तुओं की एक दुनिया में रहते हैं, हम वस्तुओं से घिरे रहे हैं, और आम तौर पर सभीवस्तुओं. हम विचार करेंगे, इस के साथ कि सौदा. )

दूसरे चरण. सभी वहाँ एक है कि - रहने वाले जीव और यह एक के सभी प्राणी. यानी. बाड़, हेडफोन, चरणों - प्राणियों. और बाड़, हेडफोन, चरणों - जीवधारी. ♡ Лишь Любовью Спасется Мир ♡

БОГИ. ВСЕ БЫЛИ ПРАВЫ

БОГИ ЖИВУТ В Божественном Мире. भगवान ПРЕДСТАВЛЯЕТ СОБОЙ ВЫСШУЮ СТЕПЕНЬ РАЗВИТИЯ जीव, और है एक बहुत ही का सार यह जीव.

यानी. ले लो, उदाहरण के लिए, नदी. हर नदी की अपनी भावना है. सभी जीव, संयुक्त अवधारणा की नदी- भगवान नदियाँ. यानी. ही नदी-नदियाँ भगवान का सार. किसी अन्य के साथ एक ही बात के पदार्थ.

एक भगवानभगवान का सार. यानी. प्रत्येक अलग से एक अनंत अंतरिक्ष की तरह…

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06 अक्टूबर 2008